आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ कड़ रुख अख्त्यार किया है. कोर्ट ने बीसीसीआई को निर्देश दिया है कि बिना किसी प्रकार की जांच किए सीएसके को फौरन आईपीएल से निलंबित कर दी जाए. साथ ही कोर्ट ने बीसीसीआई से सवालिया लहजे में पूछा कि जब गड़बड़ियां मिलीं तो सीएसके को आईपीएल से बाहर क्यों नहीं किया गया.
सरकारी पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि सीएसके टीम का सेलेक्शन खुद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जो इंडिया सीमेंट्स के मैनेजिंग डॉयरेक्टर हैं वह खुद ही करते थे. दूसरी तरफ बीसीसीआई का चुनाव तुरंत कराने का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि जिनके भी नाम इस मामले में सामने आए हैं वह लोग चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद यह तो तय हो ही गया है कि एन. श्रीनिवासन अब बीसीसीआई अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
आपको बता दें कि एन. श्रीनिवासन सीएसके का मालिकाना हक रखने वाली इंडिया सीमेंट्स कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर है. जस्टिस मुद्गल कमिटी ने कहा है कि श्रीनिवासन के दामाद और सीएसके के अधिकारी रह चुके गुरुनाथ मयप्पन सट्टेबाजी में शामिल थे और श्रीनिवासन भी खुद हितों के टकराव के मामले में आरोपी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया सीमेंट्स में श्रीनिवासन के परिवार के सदस्यों की हिस्सेदारी का ब्योरा भी मांगा है और पूछा है कि यह फैसला किसने लिया था कि सीएसके में 400 करोड़ का निवेश किया जाए.
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